अइसन मिलिस मया सँग पीरा
पीरा सँग मया होगे
पथरा ला पूजत-पूजत मा
हिरदे मोर पथरा होगे.
महूँ सजाये रहेंव नजर मा
सीस महल के सपना ला
अइसन टूटिस सीस महल के
आँखी मोर अँधरा होगे.
सोना चाँदी रूपया पइसा
गाड़ी बंगला के आगू
मया पिरित अउ नाता रिस्ता
अब माटी - धुर्रा होगे.
किरिया खाके कहे रहे तयं
तोर संग जीना-मरना हे
किरिया तोड़े ,सँग ला छोड़े
आखिर तोला का होगे .
जिनगानी ब्यौपार नहीं ये
मया बिना कुछू सार नहीं
तोर बिना मनभाये- संगी
जिनगानी बिरथा होगे.
-अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर,दुर्ग
(छत्तीसगढ़)
पीरा सँग मया होगे
पथरा ला पूजत-पूजत मा
हिरदे मोर पथरा होगे.
महूँ सजाये रहेंव नजर मा
सीस महल के सपना ला
अइसन टूटिस सीस महल के
आँखी मोर अँधरा होगे.
सोना चाँदी रूपया पइसा
गाड़ी बंगला के आगू
मया पिरित अउ नाता रिस्ता
अब माटी - धुर्रा होगे.
किरिया खाके कहे रहे तयं
तोर संग जीना-मरना हे
किरिया तोड़े ,सँग ला छोड़े
आखिर तोला का होगे .
जिनगानी ब्यौपार नहीं ये
मया बिना कुछू सार नहीं
तोर बिना मनभाये- संगी
जिनगानी बिरथा होगे.
-अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर,दुर्ग
(छत्तीसगढ़)
जिनगानी ब्यौपार नहीं ये
ReplyDeleteमया बिना कुछू सार नहीं
तोर बिना मनभाये- संगी
जिनगानी बिरथा होगे.
बहुत सुंदर ... अर्थपूर्ण पंक्तियाँ रची हैं....
विरह पर लिखी गयी बेहतरीन रचना, बधाई अरुण जी । आपके अन्दर के कवि को नमन।
ReplyDeleteकिरिया खाके कहे रहे तयं
ReplyDeleteतोर संग जीना-मरना हे
किरिया तोड़े ,सँग ला छोड़े
आखिर तोला का होगे ..
बढिया है..
कैसे हैं अरुण जी...आज देखा...दरअसल जब से भारत से आया हूँ, तीन माह हो गये किन्तु व्यस्ततायें बनी हैं. संपर्क बनाये रखिये. जबलपुर में आपसे मिल कर अच्छा लगा.
ReplyDeleteसोना चाँदी रूपया पइसा
ReplyDeleteगाड़ी बंगला के आगू
मया पिरित अउ नाता रिस्ता
अब माटी - धुर्रा होगे.
छत्तीसगढ़ी की मीठी-बोली में यथार्थ का सुन्दर वैचारिक प्रस्तुतिकरण...
सुन्दर वैचारिक प्रस्तुतिकरण...
ReplyDeleteजिनगानी ब्यौपार नहीं ये
ReplyDeleteमया बिना कुछू सार नहीं