शिक्षा ले संस्कार जगय
सुग्घर आचार व्यवहार पगय
रहन – सहन के बदले सलीका
अउ दरिद्रता दूर भगय.
सब प्राणी मा श्रेष्ठ मनुस हे
माटी ओखर प्रमान मँगय
जाग रे तँय धरती के बेटा
पढ़े लिखे मा कुछु नइ खँगय.
अपन देस मा हमला आज , शिक्षा के अलख जगाना हे
स्कूल भेजौ बिन नागा के , लइका - मन ला पढ़ाना हे.
अपढ़ रहइया मनखे मन के
बुद्धि भरमा जाथय
बैगा-गुनिया , ढोंगी बबा मन
ओखर फायदा उठाथँय .
जादू-टोना , माया-जाल मा
मनखे मन ला फँसाथँय
अंध-बिस्वास के नाम मा
धंधा अपन चलाथँय.
अशिक्षा , गरीबी अउ अंध – बिस्वास मिटाना हे
स्कूल भेजौ बिन नागा के , लइका - मन ला पढ़ाना हे.
ननपन मा जो अपढ़ रहिगे
उनला साक्षर बनाना हे
आधा बीच मा छोड़े पढ़ाई
उनला रद्दा देखाना हे.
दिन के काम – काज निपटाबो
संझा पढ़े बर जाना हे
साक्षरता अभियान चलत हे
ओखर फायदा उठाना हे.
शिक्षा के अँजोरी ला - देस मा बगराना हे
स्कूल भेजौ बिन नागा के , लइका - मन ला पढ़ाना हे.
पढ़ो – बढ़ो अभियान
हमर छत्तीसगढ़ के शान
करत – करत अभ्यास मा
बाँचे ले बढ़थे ज्ञान.
( शब्दार्थ : पगय = चाशनी में पक जाना , भगय = भागना , ओखर =उसका , खँगय = घटना/कमी होना, हमला = हमें , उनला = उन्हें , नागा = अनुपस्थिति , लइका = बच्चा , ननपन = छोटी उम्र , रद्दा = रास्ता , अँजोरी = रोशनी , बगराना = फैलाना )
सपना जी , साक्षरता पर बल देती हुयी अद्भुत रचना। बेहद शिक्षाप्रद।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर कविता...सुन्दर सन्देश भी..बधाई.
ReplyDelete___________________
'पाखी की दुनिया ' में आपका स्वागत है !!
सार्थक सन्देश लिए रचना ...बहुत सुंदर
ReplyDeletemeaningful post on something which really deserves exposure.
ReplyDeleteजादू-टोना , माया-जाल मा
ReplyDeleteमनखे मन ला फँसाथँय
अंध-बिस्वास के नाम मा
धंधा अपन चलाथँय.
अशिक्षा , गरीबी अउ अंध – बिस्वास मिटाना हे
स्कूल भेजौ बिन नागा के , लइका - मन ला पढ़ाना हे.
bahut hi laabhkaari upyogi sandesh ,ati uttam
सुन्दर सन्देश देती हुयी अद्भुत सुन्दर कविता...
ReplyDeleteKya hindi hai aap sabki!
DeleteMain to finaaa ho gaya
कुछ व्यक्तिगत कारणों से पिछले 15 दिनों से ब्लॉग से दूर था
ReplyDeleteइसी कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका !
सपना जी , साक्षरता पर बेहतरीन रचना के लिए हार्दिक शुभकामनायें...
ReplyDeleteसाक्षरता अभियान को समर्पित लइका - मन ला श्रेष्ठ गीत हे......आपको हार्दिक बधाई।
ReplyDeletezaruri sandesh deti rachna...
ReplyDeleteइतना तो निश्चित हो गया है कि आप सामाजिक,और राष्ट्रियता कि कि दिशा में महत्वपूर्ण कार्य अपने कविता के माध्यम से कर रहीं हैं आपकी भावना को नमन आप के द्वारा हम लोग भी सीख रहें हैं
ReplyDeleteसुन्दर सन्देश देती हुई शानदार रचना के लिए बधाई!
ReplyDeleteसाक्षरता कय सन्देश देय वाली सुन्दर रचना.....
ReplyDeleteछत्तीसगढ़ी भाषा तौ हमरे अवधी से बहुत मिलत-जुलत भाषा है