ममा गाँव मा रहे एक झन
ठेठ्वारिन दाई अंकलहिन्
बेलमार के मइके ओखर
बढौवल नाम बेलमरहिन्
ओखर घर मा गैया भैसी
रहे कोठार बियारा
खोरबाहरा मंगलू चरवाहा
अऊ , पहटिया मन करे तियारा
किसम -किसम के जेवर गहना
पहिरे रहे लदलदावै
आनी-बानी के चीज़-बस
दूध-दही के नदी बोहावै
चिपरिन डोकरी सास ओखर
मही बेचे बार जावै
मही ले वो - मही ले वो
गली गली चिल्लावै
जेठू के रेमटा टूर हा
चिपरिन ला रोज़ बलावै
अपन दाई मेर जिद्दी करके
रोजेच मही लेवावै
ठंडा दिन मा रमकेलिया साग
अम्टाहा मा रंधवावै
जुर - सर्दी धरे रहे ओला
नाक हा गजब बोहावै
एक दिन समधी पारा ले
आये रहे सगा पहुना
रेम्टा के दाई चौका मा जाके
बनावन लगिस जेवना
मही अऊ दूध के लोटा गंजी
संगे संग आला मा रहे माढ़े
चाहा बनाईस , दूध के धोखा मा
मही ला ओमा डारे
समधी मन हा चाय ला पीके
गजब रहे ओकियावै
वही बखत ले रेम्टा के दाई
चिपरिन ला देखे खिसयावै
- श्रीमती सपना निगम
आदित्य नगर , दुर्ग
ठेठ्वारिन दाई अंकलहिन्
बेलमार के मइके ओखर
बढौवल नाम बेलमरहिन्
ओखर घर मा गैया भैसी
रहे कोठार बियारा
खोरबाहरा मंगलू चरवाहा
अऊ , पहटिया मन करे तियारा
किसम -किसम के जेवर गहना
पहिरे रहे लदलदावै
आनी-बानी के चीज़-बस
दूध-दही के नदी बोहावै
चिपरिन डोकरी सास ओखर
मही बेचे बार जावै
मही ले वो - मही ले वो
गली गली चिल्लावै
जेठू के रेमटा टूर हा
चिपरिन ला रोज़ बलावै
अपन दाई मेर जिद्दी करके
रोजेच मही लेवावै
ठंडा दिन मा रमकेलिया साग
अम्टाहा मा रंधवावै
जुर - सर्दी धरे रहे ओला
नाक हा गजब बोहावै
एक दिन समधी पारा ले
आये रहे सगा पहुना
रेम्टा के दाई चौका मा जाके
बनावन लगिस जेवना
मही अऊ दूध के लोटा गंजी
संगे संग आला मा रहे माढ़े
चाहा बनाईस , दूध के धोखा मा
मही ला ओमा डारे
समधी मन हा चाय ला पीके
गजब रहे ओकियावै
वही बखत ले रेम्टा के दाई
चिपरिन ला देखे खिसयावै
- श्रीमती सपना निगम
आदित्य नगर , दुर्ग
" भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" की तरफ से आप को तथा आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामना. यहाँ भी आयें. www.upkhabar.in
ReplyDeletebadhiya
ReplyDelete