Friday, March 18, 2011

अड़हा टूरा के कहनी

  - श्रीमती सपना निगम
हमर गाँव माँ एक झन जुवर्रा टूरा रहिस हे.मूड ला अडबड खजुवाय लडर-बडर गोठियावय .  .ओखर  मूड माँ बहुत अकन ले जुवा अउ लीख फरे रहाय . एक झन मितान हा ओला बताइस - ''आज-कल जुवा-लीख ला मारे बर नवा शेम्पू    आय हेएको बेर लगा लेते , तोर समस्या हा हल हो जाही. बने साफ-सुथरा रहे कर भाई. ! मितान हा ओला शरीर के साफ-सफाई के  महत्व बताइस . जुवर्रा टूरा हा तरिया माँ नहाय ला जात रहिस. ओला मितान के बात सुरता आइस.जात-जात सोचिस - आज शेम्पू लगा के बने खल-खल ले नहाहूँ   .तरिया माँ डुबकहूँ  अउ   मूड ला फरियाहू . वो हा दुकान माँ जाके कहिस- भाई मोला बाल सफा करेके शेम्पू देबे. दुकानदार मेर ले वो हा शेम्पू लेके तरिया चल दिस. शेम्पू लगा के, बने मूड ला मींज के नहाइस  बपुरा हा , तरिया माँ बूड के जइसे  निकलिस अउ सोचिस ,आज तो मोर चुंदी हा शाहरुख़ सही बने फ़रियागे  होहीअरे ......ये का ? मूड माँ जइसने  हाथ लगाइस ,वोखर चूंदी मन सब गे  रहाय . रोवन लागिस बिचारा अउ मितान ला अडबड गारी देवन लागिस. टावेल-गमछा माँ अपन मूड ला तोप के गारी देवत-देवत मितान- घर गईस. मितान हा ओला नहीं चीन्हीस .तय कोन हस, मोरे घर माँ आके मोहि ला गारी देवत हस. अड़हा टूरा अपन नाव बताइस  अउ अपन मूड ला देखाइस  .अरे..... ये का ? तोर तो सब्बो चूंदी सफा हो गे.चल तो दुकानदार ला धमकाबो, वो हा का शेम्पू दे रहिस , दुनों झन दुकान माँ गईंन  .दुकानदार हा बताइस  -बाबू ! तयं  हा बाल सफा करे बर शेम्पू मांगे रहे.बाल साफ करे बर  मांगे रहिते तो वइसन शेम्पू देये रहितौं. मोर  कुछु गलती नहीं हे.अड़हा बिचारा का करय ? थोरिक भी पढ़े-लिखे रहितिस ये नौबत नहीं आतिस.
पढ़े-लिखे के बात ला सुन के  ,मूडी  ला खजुवावौ, 
बेटा-बेटी माँ फरक झन करव ,सबला  पढ़ावौ -लिखावौ.

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