- श्रीमती सपना निगम
हमर गाँव माँ एक झन जुवर्रा टूरा रहिस हे.मूड ला अडबड खजुवाय औ लडर-बडर गोठियावय . .ओखर मूड माँ बहुत अकन ले जुवा अउ लीख फरे रहाय . एक झन मितान हा ओला बताइस - ''आज-कल जुवा-लीख ला मारे बर नवा शेम्पू आय हे . एको बेर लगा लेते , तोर समस्या हा हल हो जाही. बने साफ-सुथरा रहे कर भाई. ! मितान हा ओला शरीर के साफ-सफाई के महत्व बताइस . जुवर्रा टूरा हा तरिया माँ नहाय ला जात रहिस. ओला मितान के बात सुरता आइस.जात-जात सोचिस - आज शेम्पू लगा के बने खल-खल ले नहाहूँ .तरिया माँ डुबकहूँ अउ मूड ला फरियाहू . वो हा दुकान माँ जाके कहिस-ऐ भाई मोला बाल सफा करेके शेम्पू देबे. दुकानदार मेर ले वो हा शेम्पू लेके तरिया चल दिस. शेम्पू लगा के, बने मूड ला मींज के नहाइस बपुरा हा , तरिया माँ बूड के जइसे निकलिस अउ सोचिस ,आज तो मोर चुंदी हा शाहरुख़ सही बने फ़रियागे होही. अरे ......ये का ? मूड माँ जइसने हाथ लगाइस ,वोखर चूंदी मन सब झ र गे रहाय . रोवन लागिस बिचारा अउ मितान ला अडबड गारी देवन लागिस. टावेल-गमछा माँ अपन मूड ला तोप के गारी देवत-देवत मितान- घर गईस. मितान हा ओला नहीं चीन्हीस .तय कोन हस, मोरे घर माँ आके मोहि ला गारी देवत हस. अड़हा टूरा अपन नाव बताइस अउ अपन मूड ला देखाइस .अरे..... ये का ? तोर तो सब्बो चूंदी सफा हो गे.चल तो दुकानदार ला धमकाबो, वो हा का शेम्पू दे रहिस , दुनों झन दुकान माँ गईंन .दुकानदार हा बताइस -बाबू ! तयं हा बाल सफा करे बर शेम्पू मांगे रहे.बाल साफ करे बर मांगे रहिते तो वइसन शेम्पू देये रहितौं. मोर कुछु गलती नहीं हे.अड़हा बिचारा का करय ? थोरिक भी पढ़े-लिखे रहितिस त ये नौबत नहीं आतिस.
पढ़े-लिखे के बात ला सुन के ,मूडी ला झन खजुवावौ,
बेटा-बेटी माँ फरक झन करव ,सबला पढ़ावौ -लिखावौ.
पढ़े-लिखे के बात ला सुन के ,मूडी ला झन खजुवावौ,
बेटा-बेटी माँ फरक झन करव ,सबला पढ़ावौ -लिखावौ.
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