- श्रीमती सपना निगम
कइसने नरी - ला टेड़वाय
गजब पाँखी फड़फड़ाय
येती कुकरी कोरकोराय
वोती कुकरा नरियाय
कूद- फांद के चढ़े खपरा- छानी
एला हकालौ हो ननदी- देवरानी .
कोड़ा देवय ,नइ मानय
गजब कचरा बगराय
कहूँ गेंगरवा सपराय
एके सांहस - मा खाय
दिन- भर किन्जरे बर जाय
सँझा कुरिया- मा ओयलाय
कोन्हों करे नइ इंकरे निगरानी
एला हकालौ हो ननदी - देवरानी .
रुखराई - मा चढ़ जाय
कुकरुस - कू नरियाय
कहूँ घुरवा देखे पाय
भात - बासी बिन के खाय
जेखर खिरपा नइ देवाय
वोखर घर -मा खुसर जाय
हवय कुकरी के कोन्हों लागमानी
एला हकालौ हो ननदी - देवरानी .
सूपा के कनकी - ला
सरी बीन के खागे
गहूँ - ला सुखोए रहेवं
सब्बो बगरागे
बिलई के आरो पागे,कुकरी डर्रागे
नान - नान चियाँ - पिला
जतर - कतर भागे
अउ कुकरा भुलागे पहलवानी
एला हकालौ हो ननदी- देवरानी .
रद्दा रेंगाय नहि इंकरे मन के मारे
परछी-दुवारी मा गजब पचरी पारे
काली के लिपाये रहिस
आज ओदरा डारे
सरी घर - दुवार के
कोठार बना डारे
गाँव भर के रहे परिसानी
हकालौ हो ननदी - देवरानी .
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कइसने नरी - ला टेड़वाय
गजब पाँखी फड़फड़ाय
येती कुकरी कोरकोराय
वोती कुकरा नरियाय
कूद- फांद के चढ़े खपरा- छानी
एला हकालौ हो ननदी- देवरानी .
कोड़ा देवय ,नइ मानय
गजब कचरा बगराय
कहूँ गेंगरवा सपराय
एके सांहस - मा खाय
दिन- भर किन्जरे बर जाय
सँझा कुरिया- मा ओयलाय
कोन्हों करे नइ इंकरे निगरानी
एला हकालौ हो ननदी - देवरानी .
रुखराई - मा चढ़ जाय
कुकरुस - कू नरियाय
कहूँ घुरवा देखे पाय
भात - बासी बिन के खाय
जेखर खिरपा नइ देवाय
वोखर घर -मा खुसर जाय
हवय कुकरी के कोन्हों लागमानी
एला हकालौ हो ननदी - देवरानी .
सूपा के कनकी - ला
सरी बीन के खागे
गहूँ - ला सुखोए रहेवं
सब्बो बगरागे
बिलई के आरो पागे,कुकरी डर्रागे
नान - नान चियाँ - पिला
जतर - कतर भागे
अउ कुकरा भुलागे पहलवानी
एला हकालौ हो ननदी- देवरानी .
रद्दा रेंगाय नहि इंकरे मन के मारे
परछी-दुवारी मा गजब पचरी पारे
काली के लिपाये रहिस
आज ओदरा डारे
सरी घर - दुवार के
कोठार बना डारे
गाँव भर के रहे परिसानी
हकालौ हो ननदी - देवरानी .
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दिन पुरत हे कुकरा के.
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